Monday, 20 February 2017

"सोसायटी के नाम संदेश"


#AUnsafegirlOfDelhi.

कहाँ से शुरू करू? क्योंकि मुझे खुद  हिम्मत नहीं हो रही की कैसे इसे, सोशलाइज़ करू?शायद मेरा प्रोफेशन मुझे इस बात की अनुमती नहीं दे रहा कि मैं इस बात को अनदेखा कर दूँ। मेरा नाम श्वेता नेगी है और में जामिया मिलिया  इस्लामिया की पत्रकारिता की विधार्थी हूँ।
*Important note* मेने इस पोस्ट को डालने से पहले अपने घर के परिजनों को ब्लोक कर दिया है।

मुझे हालाँकि डरना नहीं चाहिए, पर यही मेरा दुर्भाग्य है क्योंकि यही सोसायटी की नियम है।
 उन्होंने इसे पढ़ लिया तो शायद मुझ पर कई स्तर की रंजिशे लग सकती है। एक बहुत स्टीक सा प्रश्न है  मेरा? क्या मेरे इंस्टाग्राम अकाउंट पर कोई ऐसी फोटो है जिससे इस हबस के पुजारी को बढ़ावा मिला? आखिर क्या कर सकती हूँ मै! ऐसी स्थिति में ? वूमेन हेल्पलाइन पर फोन। जो बिज़ी थी। और जिसका नं ही इनवेलिड था ।

इस बात में कोई अतिश्योकित नहीं है कि दिल्ली! माफ कीजिएगा राजधानी दिल्ली की लड़की अनसेफ थी है और रहेगी!!!!!!
क्या फर्क है 16 दिसम्बर और इसमें? निर्भया का शारिरिक शोषण हुआ, और मेरा मानसिक? आखिर ऐसी कितनी निर्भया बनाएगा यह दिल्ली!
नाजाने कितनी लड़कियाँ हर घंटे साइबरबुलिंग जैसी हैवानियत का शिकार हो रही है। पर वो डर जाती है कि सोसायटी उन्हें ही दोष देगी।
हर लड़की से गुज़ारिश है कि वो खुल कर इन  विषय पर सामने आए। और साहसी कदम उठाए ताकी हर अगली लड़की को स्टोक करने से पहले ऐसे लोग हज़ार बार सोचे।
**दोस्तों इस पोस्ट को इतना शेयर करें की इस तक यह बात पहुँच जाए कि  9.44pm पर इसने अपनी ज़िदगी की बहुत बड़ी गलती की है।**

1 comment:

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